इंट्राडे ट्रेडिंग ही क्या पूरे स्टॉक मार्केट के बारे मैं आम लोगों की यह धारणा है की यह एक सट्टा बाज़ार है, जहाँ सब कुछ भाग्य पर निर्भर है, और इस मैं ज्ञान व कोशल की ज़रूरत न हो कर सिर्फ़ अच्छे भाग्य की ज़रूरत होती है।और तुरंत पैसा कमाना है और वो भी ईज़ी मनी कमानी है तो इंट्राडे मैं ट्रेडिंग कर के एक ही दिन मैं कुछ क्लिक्स के ज़रिए अच्छा पैसा बनाया जा सकता है।
लेकिन असलियत ठीक इसके उलट है। स्टॉक मार्केट और विशेष कर इंट्राडे ट्रेडिंग मैं एक रणनीति की ज़रूरत होती है, कई कारकों को ध्यान मैं रख कर किस स्टॉक को ख़रीदना व उसी दिन बेचना है निर्धारित करना होता है। सिर्फ़ बिसनेस न्यूज़ चेनल देख कर इंट्राडे ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है। आपको सतत सतर्क रहना होगा हर मूमेण्ट पर नज़र रखनी होगी।
ज़्यादातर नए लोग जो स्टॉक मार्केट मैं इंटर होते है उन्हें इंट्राडे सबसे ज़्यादा आकर्षित करता है।अधिकांश लोग इसी आशा के साथ मार्केट मैं आते है की , एक ही दिन मैं कई शेयर को ख़रीद बेच कर अच्छा मुनाफ़ा कमा लेंगे , मार्जिन मनी के बारे मैं भी शुरू मैं बहुत भ्रम होता है, लेकिन कुछ ही दिनो के बाद हर निवेशक की कई ग़लत फ़हमियाँ दूर हो जाती है। और अधिकांश नुक़सान के साथ शेयर मार्केट के साथ तोबा कर लेते है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में लोगों को कुछ गलतफमियाँ जो की ऐसे है –
इंट्राडे ट्रेडिंग एक झटके से बहुत सारे पैसे कमाने की जगह है | (आप कमा सकते है लेकिन आप को पहले गवाना सीखना होगा |)
इंट्राडे ट्रेडिंग एक जुआ की जगह है | (अधिकतर ट्रेडर जुआ की तरह ही पैसे लगाते पर ये जुआ है नहीं |)
इंट्राडे ट्रेडिंग में स्ट्रेटेजी बहुत महत्वपूर्ण होती है | (ये पॉइंट मुझे लगता है की स्ट्रेटेजी से ज्यादा साइकोलॉजी का काम होता है |)
इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉप लोस एक निश्चित वैल्यू होती है | (स्टॉप लोस आपके स्टॉक के बीटा , वॉल्यूम , पूरा मार्किट की दिशा और आपके लोस उठाने की हिम्मत और एनालिसिस पर निर्भर करता है ना कि किसी के द्वारा बातये हुए | )
इंट्राडे ट्रेडिंग CNBC देख कर कोई भी कर सकता है ( जो भी ये सोचते है जरूर प्रयास करे | )
इंट्राडे ट्रेडिंग में अध्यन्न की जरूरत नहीं होती है |(ऐसे में मार्केट अपने अनुसार अध्यन्न करवाता है |)
अगर इंट्राडे मैं ट्रेडिंग करनी है तो सबसे पहले किस सेक्टर मैं करना है तय करे , यह जाने की किस शेयर का कितना volume एक दिन मैं ख़रीदा बेचा गया है , क्योंकि जब तक किसी भी शेयर मैं बड़े volume मैं ख़रीद बेच नहीं होगी , तो इंट्राडे मैं शेयर कैसे मुनाफ़ा देगा। चाहे वो कितना भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा हो।इंट्राडे व निवेश दोनो अलग अलग है , दोनो को एक साथ न मिलाए। क्योंकि इंट्राडे बिसनेस एक दिन की घटनाओं व कारकों पर निर्भर करता है , और जोखिम भरा होता है , जबकि निवेश मैं अन्य कारकों का महत्व होता है , उस मैं जोखिम कम होता है।
भावनाओं मैं न बहे , भय व लालच से दूर रहे , पर्याप्त जानकारी के बाद ही इंटर करे, व सबसे ज़रूरी पूरा समय दे , मार्केट के खुलने से ले कर बंद होने तक हर गतिविधि पर नज़र रखे। तो इंट्राडे अच्छी कमाई दे सकता है।
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