TRADE NIVESH एसेट से भी कम हैं इन कंपनियों के शेयरों की कीमतें, फिर भी खरीदार नहीं

Trade Nivesh : पिछले महीने कॉर्पोरेट टैक्स की दरों में कटौती को ज्यादातर जानकारों ने ऐतिहासिक कदम करार दिया था. इससे शेयर बाजार में अच्छी तेजी भी आई थी. फिर भी कुछ ऐसी कंपनियां हैं जिनके शेयरों के भाव काफी नीचे चल रहे हैं.


ब्लूमबर्ग से मिले आंकड़ों के मुताबिक, बीएसई 500 इंडेक्स में शामिल 100 से अधिक शेयर अपनी बुक वैल्यू से नीचे कारोबार कर रहे हैं. इनमें भारतीय स्टेट बैंक, ONGC, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, DLF और ऑयल इंडिया जैसे दिग्गज नाम भी शामिल हैं.Trade Nivesh

बीएसई 500 इंडेक्स की 109 कंपनियों की कीमत उनकी बुक वैल्यू का एक गुना है. शेयर बाजार के मार्केट कैपिटलाइजेशन में इन कंपनियों की हिस्सेदारी 10 फीसदी है. इनमें से एक तिहाई हिस्सेदारी वित्तीय कंपनियों की है, जो अपनी बुक वैल्यू के एक गुना से भी नीचे कारोबार कर रही हैं.

बीते तीन महीनों में इन कंपनियों ने रिटर्न के लिहाज से निवेशकों का औसतन 24.4 फीसदी पैसा डूबोया है. इन कंपनियों की औसत प्राइस-टू-बुक वैल्यू 0.57 गुना है. निफ्टी 50 इंडेक्स की प्राइस-टू-बुक वैल्यू 2.78 गुना की है.

विश्व विख्यात निवेशक वॉरेन बफे का मानना है कि जब किसी शेयर की कीमत उसकी वैल्यू वैल्यू की तुलना में 25 फीसदी तक कम हो जाए, तो वे उसमें वैल्यू देखते हैं. हालांकि, एक आम निवेशक के लिए सिर्फ बुक वैल्यू के आधार पर शेयर का चयन करना खतरनाक साबित हो सकता है. Trade Nivesh

सरकारी बैंकों के शेयरों में प्राइस-टू-बुक वैल्यू कम होने के मामले अधिक पाए जाते हैं. यह दर्शाता है कि इस सेक्टर के NPA में इजाफा हो सकता है. ऐसे में भविष्य की गड़बड़ियों को ध्यान में रखते हुए प्राइस-टू-बुक वैल्यू काफी अधिक हो जाती है.

कई कंपनियों की रेटिंग लगातार घट रही है. ऐसे में इन कंपनियों के लिए बाजार से पैसा जुटा पाना काफी मुश्किल हो गया है. वे विस्तार के लिए पूंजी चाहती हैं, मगर उनके पास वह विकल्प नहीं है. कंपनी के पास कर्ज कम करने के विकल्प भी सीमित हैं.

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